जज़्बातों के निशान कभी कम नहीं पड़ते,गुज़रते वक़्त के साथ उनका छाप और गहरा हो जाता है ! जज़्बातों के निशान कभी कम नहीं पड़ते,गुज़रते वक़्त के साथ उनका छाप और गहरा हो जाता ह...
मेरे जीवन के आँगन में आए कई हैं संत सबसे प्यारा लगता मुझको रितुराज बसंत, पीले सरसों खेतों में ... मेरे जीवन के आँगन में आए कई हैं संत सबसे प्यारा लगता मुझको रितुराज बसंत, प...
कमल खिला है, कलश में। बाबा केदार के आंगन में।। कमल खिला है, कलश में। बाबा केदार के आंगन में।।
इंतज़ार में तेरे गुज़ारे हैं पल इंतज़ार में तेरे गुज़ारे हैं पल
तेरे इंतजार में बीत गए है, ना जाने ही कितने बसंत। ना तुम आये और ना आई कोई खैर-खबर। तेरे इंतजार में बीत गए है, ना जाने ही कितने बसंत। ना तुम आये और ना आई क...
मैं वापस जमीन पे गिर जाता रेंगता रेंगता तुझे ढूँढता तेरी बिछोह मे आखरी साँसें गिनता मैं वापस जमीन पे गिर जाता रेंगता रेंगता तुझे ढूँढता तेरी बिछोह मे आखरी ...